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ए सियासत की बाते हैं, मेरे यारो जरा सोचो जो कल तक

ए सियासत की बाते हैं, मेरे यारो जरा सोचो 
जो कल तक कर रहे थे, शाही तसव्वुर की बाते 
अब कहने लगे हैं पकोड़े बेचो

- स्वप्निल माने
ए सियासत की बाते हैं, मेरे यारो जरा सोचो 
जो कल तक कर रहे थे, शाही तसव्वुर की बाते 
अब कहने लगे हैं पकोड़े बेचो

- स्वप्निल माने