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आँखें मूंदूँ तो तेरा चेहरा याद आता है, आंखें खोलू

आँखें मूंदूँ तो तेरा चेहरा याद आता है, आंखें खोलू तो ओझल हो जाता है ।
कैसी उलझन में हूँ,
कुछ समझ नहीं आता है। #आंखें मूंदूं तो तेरा #चेहरा #न.जर आता है, 
आंखें खोलू तो #ओझल हो जाता है ।
कैसी #उलझन में हूँ,
कुछ #समझ नहीं आता है।
#shayari #vichare
आँखें मूंदूँ तो तेरा चेहरा याद आता है, आंखें खोलू तो ओझल हो जाता है ।
कैसी उलझन में हूँ,
कुछ समझ नहीं आता है। #आंखें मूंदूं तो तेरा #चेहरा #न.जर आता है, 
आंखें खोलू तो #ओझल हो जाता है ।
कैसी #उलझन में हूँ,
कुछ #समझ नहीं आता है।
#shayari #vichare

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