आँखें मूंदूँ तो तेरा चेहरा याद आता है, आंखें खोलू तो ओझल हो जाता है । कैसी उलझन में हूँ, कुछ समझ नहीं आता है। #आंखें मूंदूं तो तेरा #चेहरा #न.जर आता है, आंखें खोलू तो #ओझल हो जाता है । कैसी #उलझन में हूँ, कुछ #समझ नहीं आता है। #shayari #vichare