एक कलम और वो कागज का पन्ना दिन रात के वो एहसास अकेले से वो जज्बात कुछ खट्टे कुछ मीठे बीते जो वाकयात अनगिनत किस्से ,दिल के जज्बातों के वो किस्से क्या खूबसूरत सा तरीका है कुछ न कहकर भी सब कह दे ऐसा प्लेटफार्म बस एक कविता है कोई गलत नहीं न कोई धोखेबाज है अपने अपने एहसास के साथ करते सब अकेलेपन से बात है दिल को दिल से रूबरू करते है अनकही बाते ,शब्दो में बदलते है ©Neha Bhargava (karishma) #Poetry