हर वक्त तेरा ज़िक्र दिल में रहता है मैं खाफ तुझसे,दिल उदास रहता है दिल ने चाहा की दूर न रहूं तुझसे पर तुझे खोंने के डरसे मैं अक्सर परेशां रहता हूं मुझे क्या पता था कि मेरी ख़ामोशी ही मेरी सजा बन जाएंगी कभी ये सोचा न था की तू होगी मेरी आँखो के सामने... और एक गैर बन जायेगी। एक मौका मिले तो पूछ लेना कुर्बत इस दिल की, की टुटा नहीं है मेरे खामोश होने से बस तेरे लिए दिल के अरमानों को बहाये बैठा है कुर्बत....! हर वक्त तेरा ज़िक्र #दिल में रहता है मैं खाफ तुझसे,दिल #उदास रहता है दिल ने #चाहा की दूर न रहूं तुझसे पर तुझे खोंने के डरसे मैं अक्सर परेशां रहता हूं मुझे क्या पता था कि मेरी #ख़ामोशी ही मेरी सजा बन जाएंगी