वो मेरे दोस्तों का घर, जहां ठहाकों की आवाज बाहर तक सुनाई देती थी, वो मेरे दोस्तों की गाड़ी, जिस पर हम शहर के हर कोने का चक्कर लगाया करते थे, वो हमारी School की गेट, जहां खड़े होकर आज भी बच्चे गप्पे मारते होंगे। वो college की Canteen, जहां Maggie आज की शायद उतनी ही अच्छी बनती होगी। अब बस कुछ ऐसे ही हसीन पलों को, अपने जहन में कैद कर लेती हूं, और जब भी पुरानी यादों का सामना होता है, तो उन्हें पीछे देख कर मुस्कुराया करती हूं । Khwab-Part 2 #NojotoHindi #Kalakaksh #Kahaniwala #poetry #Nazm #Story #Nostalgia Shreeya Dhapola