बचपन और बारिश थोड़ा सुकून ठंडे पानी का तो उससे कही ज्यादा सकून स्कूल जल्दी छूट जाने का। थोड़ा मज़ा छप छप का थोड़ा दूसरों को भीगने का दुनिया की खुशियां हथेली की बूंदों में सजानें का। वो खुशी किताबें भींग जाने की वो खुशी एक दिन किताबों से और बच जानें की छतरी वो भींगती हुए उसके क्या कहने बचपन और बारिश जाने कहां गए वो गहनें। _pratibha's writting 🌧☔🌈🌧🌂 #nojoto #nojoto हिंदी #poem //बचपन और बारिश// 🌂🌧🌈☔🌂🌧🌈☔🌂🌧🌈 Dev Faizabadi Ashok Dabad Er. Pramod kumar Nishad reena uikey Abhishek Rajhans