अश्क़ गम के अल्फ़ाज़ों को कागज पर बिखेर देता हूँ, अंदाज़ ए बयां करने का हुनर अभी हमने नहीं सीखा , मेरे अश्कों को छूकर बता दो क्या कहना है मुझे , हम भी देखे तुमने किताबों के अलावा और क्या पढ़ना सीखा।