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23 जुलाई 1906 का वह शुभ महूर्त बना था ,
जब भाबरा में माँ जगरानी ने शेर जना था !
आंखों में वो आंखे डाले सच्ची बाते करता था ,
उसके इस व्यक्तित्व पर ही जमाना नाज़ करता था !
था बापू से प्रभावित पहले ,पर पथ उसका अलग था ,