सूर्य एक सत्य है जिसे झुठलाया नहीं जा सकता मगर ओस भी तो एक सच्चाई है यह बात अलग है कि ओस क्षणिक है क्यों न मैं क्षण क्षण को जिऊं? कण-कण में बिखरे सौन्दर्य को पिऊं सूर्य तो फिर भी उगेगा, धूप तो फिर भी खिलेगी, लेकिन मेरी बगीची की हरी-हरी दूब पर, ओस की बूंद हर मौसम में नहीं मिलेगी। #NojotoQuote ये कविता पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी द्वारा लिखी गयी है ओस की बून्द = DewDrop My new pen name inspired by this poem कुछ समय के लिए ही सही पर ओस की बून्द भी एक हकीकत है #नोजोटो #nojoto #atalbiharibajpaye