जीते सब है, जिंदगी वो जहर है, जिसे पीते सब है| कोई हँस कर पीता है, कोई रोकर पीता है, अरमानो की फटी चादर, सीते सब है जिंदगी वो जहर है, जिसे पीते सब है| कोई जिंदगी से लङता है, कोई लङता बस जीने को, हार की इस लङाई मे हम जीते कब है? जिंदगी वो जहर है, जिसे पीते सब है| अंकिता शर्मा 'अरुक्ति' #kavita