आखिर क्यो कहा गया की एक लडकी अकेले जीवन जी नही सकती। आखिर क्यो समाज की कुरीतियो ने ये बोझ लड़की के जहन मे भर दिया। आखिर क्यो लड़की को जीवन जीने के लिए जीवनसाथी की जरूरत है। आखिर क्यो वह अपने आत्मबल पर अकेले जिंदगी की राह पर चल नही सकती। आखिर क्यो लड़की को अपने ही परायेधन से संबोधित करते है। आखिर क्यो लड़की के जीवन की तुलना धन से की गई है। आखिर क्यो जन्म से मौत तक दो परिवारो को सहजने का दर्जा दिया गया। आखिर क्यो लड़की को घर की दहलीज के भीतर संजोए रखा जाता है। आखिर क्यो लड़की की नाजुकता को अबला नाम दिया गया। आखिर क्यो लड़की को बंदिशो मे जकडा रहना पडता है। आखिर क्यो लड़की को रिश्तेनाते निभाने का जिम्मा दिया गया। आखिर क्यो लड़की को जन्म से मौत तक गुलामी मे जीना पडता है। आखिर क्यो लडकी अपना जीवनयापन इच्छानुसार नही कर सकती। आखिर क्यो लड़की के दर्द को समझने मे हरकोई अक्षम है। आखिर क्यो लड़की को लड़के जीतना सम्मान नही दिया जाता। आखिर क्यो नारी के गर्भ मे लड़की की हत्या कर दी जाती है। आखिर क्यो कोई नही समझता की हम एक नारी की देन है। आखिर क्यो भगवान ने लड़की को इतना दर्द सहने की क्षमता दी। आखिर क्यो कहा गया की नारी की पूजा करने पर देवता रमण करते है। ©VINAY PANWAR 🇮🇳INDIAN ARMY💕💕 Neha Nautiyal