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क्या आपको पता है, परमेश्वर ने सारी सृष्टि को कैसे

क्या आपको पता है, परमेश्वर ने सारी सृष्टि को कैसे बनाया ? परमेश्वर ने अपने शब्द कहे, और ब्रह्मांड और इसमें कि सारी  वस्तुएं,  उत्पन्न हो गई। सारा ब्रह्मांड आज भी परमेश्वर और उसके पुत्र ईशु के; अधीन है। यही कारण है, कि यीशु के वचनों द्वारा, कई बीमार चंगे हो गए। और  कई चिन्ह और चमत्कार आज भी उसके वचनों से, विश्व के कई भागों में हो रहे हैं।।   आज का हमारा विषय है।  "हर वस्तु मसीह के अधीन है।                                     वह बोल ही रहा था; कि देखो , एक उजले बादल ने उन्हें ढक लिया , और देखो , उस बादल में से यह शब्द निकला : यह मेरा प्रिय पुत्र है , जिससे मैं प्रसन्न हूँ ; इस की सुनो। ( मत्ती १७ ; ५ ) । जब प्रभु ने ऊपर के वचन में, यीशु के विषय में यह कहा , ... यह मेरा प्रिय पुत्र है , जिससे मैं प्रसन्न हूँ ; इस की सुनो ” । तो वह सारी सृष्टि से बात कर रहा था । सारी प्रकृति से , सारी निर्जीव और सजीव वस्तुओ से, स्वर्ग में , पृथ्वी में; और पृथ्वी के नीचे की, सारी वस्तुओ से, वे यीशु के आधीन है । चट्टाने , हवा , पानी , पेड़ , मछली , स्वर्गदूत , शैतान , इत्यादि; सब उसके नियंत्रण और अधिकार के अंतर्गत है । फिलिप्पियो २ ; ९ से १० कहता है , “ इस कारण परमेश्वर ने, उसको अति महान् भी किया , और उसको वह नाम दिया, जो सब नामों में श्रेष्ठ है : कि जो स्वर्ग में; और पृथ्वी पर, और पृथ्वी के नीचे हैं , वे सब यीशु के नाम में, घुटना टेकें ।  अब आप समझ जाएगें, कि क्यूँ हर बात जो यीशु ने कही; वह पूरी हुई । उसने एक पेड़ से बात की, और वह मुरझा गया। ( मरकुस ११ ; १२-२२ ) । उसने एक उग्र तूफान से बात की, और वह शांत हो गया। ( मरकुस ४ ; ३५-३९ ) । उसने रोटी और मच्छलियो से बात की, और वे बढ़ गई। और भीड़ को खिलाने के लिए पर्याप्त हो गई ।( मत्ती १४ ; १७-२१ , मत्ती १५ ; ३२-३८ ) । उसने मुर्दो से बात की, और वे जिंदा हो गए। ( लूका ७ ; ११-१५ , यूहन्ना ११ ; ३२-४४ ) । उसके शब्दो पर, कटे हुए हाथ पाँव आगे बढ़ गए , अंधो की आँखे खुल गई।  बहरे कान खुल गए , और शैतान डर के मारे भाग गए। ( मत्ती १५;३० ) , क्योंकि उन सबको, उसकी सुनने और आज्ञा मानने का निर्देश दिया गया था । अब इन सबका सुंदर भाग यह है कि; यह हमसे कैसे जुड़ा हुआ है । १ यूहन्ना ४;१७ कहता है , “ जैसा  यीशु  है, वैसे ही इस विश्व में हम है ।  फिर मत्ती २८ ; १८-१९ में उसने कहा , “ स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार, मुझे दिया जा चुका है ।  फिर उस अधिकार के आधार पर , उसने हमको आदेश दिया। कि हम हर प्राणी को सुसमाचार सुनाए , और इस विश्व को वश में कर ले ।

क्या आपको पता है, परमेश्वर ने सारी सृष्टि को कैसे बनाया ? परमेश्वर ने अपने शब्द कहे, और ब्रह्मांड और इसमें कि सारी वस्तुएं, उत्पन्न हो गई। सारा ब्रह्मांड आज भी परमेश्वर और उसके पुत्र ईशु के; अधीन है। यही कारण है, कि यीशु के वचनों द्वारा, कई बीमार चंगे हो गए। और कई चिन्ह और चमत्कार आज भी उसके वचनों से, विश्व के कई भागों में हो रहे हैं।। आज का हमारा विषय है। "हर वस्तु मसीह के अधीन है। वह बोल ही रहा था; कि देखो , एक उजले बादल ने उन्हें ढक लिया , और देखो , उस बादल में से यह शब्द निकला : यह मेरा प्रिय पुत्र है , जिससे मैं प्रसन्न हूँ ; इस की सुनो। ( मत्ती १७ ; ५ ) । जब प्रभु ने ऊपर के वचन में, यीशु के विषय में यह कहा , ... यह मेरा प्रिय पुत्र है , जिससे मैं प्रसन्न हूँ ; इस की सुनो ” । तो वह सारी सृष्टि से बात कर रहा था । सारी प्रकृति से , सारी निर्जीव और सजीव वस्तुओ से, स्वर्ग में , पृथ्वी में; और पृथ्वी के नीचे की, सारी वस्तुओ से, वे यीशु के आधीन है । चट्टाने , हवा , पानी , पेड़ , मछली , स्वर्गदूत , शैतान , इत्यादि; सब उसके नियंत्रण और अधिकार के अंतर्गत है । फिलिप्पियो २ ; ९ से १० कहता है , “ इस कारण परमेश्वर ने, उसको अति महान् भी किया , और उसको वह नाम दिया, जो सब नामों में श्रेष्ठ है : कि जो स्वर्ग में; और पृथ्वी पर, और पृथ्वी के नीचे हैं , वे सब यीशु के नाम में, घुटना टेकें । अब आप समझ जाएगें, कि क्यूँ हर बात जो यीशु ने कही; वह पूरी हुई । उसने एक पेड़ से बात की, और वह मुरझा गया। ( मरकुस ११ ; १२-२२ ) । उसने एक उग्र तूफान से बात की, और वह शांत हो गया। ( मरकुस ४ ; ३५-३९ ) । उसने रोटी और मच्छलियो से बात की, और वे बढ़ गई। और भीड़ को खिलाने के लिए पर्याप्त हो गई ।( मत्ती १४ ; १७-२१ , मत्ती १५ ; ३२-३८ ) । उसने मुर्दो से बात की, और वे जिंदा हो गए। ( लूका ७ ; ११-१५ , यूहन्ना ११ ; ३२-४४ ) । उसके शब्दो पर, कटे हुए हाथ पाँव आगे बढ़ गए , अंधो की आँखे खुल गई। बहरे कान खुल गए , और शैतान डर के मारे भाग गए। ( मत्ती १५;३० ) , क्योंकि उन सबको, उसकी सुनने और आज्ञा मानने का निर्देश दिया गया था । अब इन सबका सुंदर भाग यह है कि; यह हमसे कैसे जुड़ा हुआ है । १ यूहन्ना ४;१७ कहता है , “ जैसा यीशु है, वैसे ही इस विश्व में हम है । फिर मत्ती २८ ; १८-१९ में उसने कहा , “ स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार, मुझे दिया जा चुका है । फिर उस अधिकार के आधार पर , उसने हमको आदेश दिया। कि हम हर प्राणी को सुसमाचार सुनाए , और इस विश्व को वश में कर ले । #nojotovideo

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