दिन को रात और सुबह को शाम कर लिया, तेरी आशिकी ने किस्सा यूँ तमाम कर दिया..! पढ़ने में हाथ तंग तो हमेशा से रहा है, उसको पढ़ने का ये नया काम सर लिया..! जीने की ख्वाहिश लिये मरने लगे तुझ पर, यूं हमने जीने-मरने का सब इंतजाम कर लिया..! ग़ुरूर भी रश्क करता था हम से इक जमाने में, आज रुसवाइयों ने कब्जा सरेआम कर लिया।..! रौनक हुआ करते थे कभी महफिलों की हम, तेरी जुदाई ने तन्हाई को मेरे नाम कर दिया..!! #अभी❤ #Nojotohindi