संघर्ष ही हर्ष में बदलेगा, अभी सुनले कल तु बोलेगा। परिणाम को मन में ढंक ले तू, कल उसको भी तू खोलेगा। कंकड़ को भी हंसकर रखले तू, कल मोती भी तू तोलेगा। आज जग को हंसने दे तू, कल देख तुझे जग भी रोलेगा। संघर्ष ही हर्ष में ......। -***गौरव*** #sangharsh