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दिल के संदूक मे संभाली हैं तेरी यादें, संभाली हैं,

दिल के संदूक मे संभाली हैं तेरी यादें,
संभाली हैं,आँखों से की जाने वाली तेरी बातें।
दिन कट जाता है,तेरी ज़ुल्फ़ों के साये मे,
और तेरे ख़्वाबों की बारात मे कट जाती हैं मेरी रातें।

कैसे बताऊ कि कितना तुझे सोचता हूँ,
बस ये जान ले हर सख्स मे तुझे खोजता हूँ।
हर दिन कुछ नया पाता हूँ तुझमे,
खूबसूरती को तेरी देख हर पल चौकता हूँ।।


एक नई सी मुस्कुराहट होती है चेहरे पे,तेरे करीब होने से,
इसलिए बाहों मे थाम के तुझको ये वक़्त रोक लेता हूँ।
डरता नहीं किसी चीज़ से तेरी नाराज़गी के सिवा,
कहीं खफा ना हो जाए तू इसलिए  हर पल खुद को टोक लेता हूँ।।

बाहों मे थामता हूँ तुझे भले हर रोज़,
पर तेरे जिस्म की मुझे कोई प्यास नहीं है।
खुश हूं मैं तेरी ज़िन्दगी का एक हिस्सा बन के,
तू मेरी होके रहे,ऐसी मुझे कोई भी आस नहीं है।।


नहीं जानता कितने और पल हैं हम साथ मे,
बस दर्द मे तेरा हाथ चाहिए मेरे हाथ मे।
ज्यादा कुछ नहीं चाहिए तुझसे,
बस चाहिए मुस्कान तेरे चेहरे पे सौगात मे।।


ये लम्हें हसीन है तो बस इनमे ही खोना है,
वक़्त बताएगा आगे की क्या दरमियान अपने होना है।
फिलहाल तो वक़्त से इतनी सी गुज़ारिश है कि 'थम' जा,
मुझे अपने महबूब की बाहों मे सारी रात सोना है।।
दिल के संदूक मे संभाली हैं तेरी यादें,
संभाली हैं,आँखों से की जाने वाली तेरी बातें।
दिन कट जाता है,तेरी ज़ुल्फ़ों के साये मे,
और तेरे ख़्वाबों की बारात मे कट जाती हैं मेरी रातें।

कैसे बताऊ कि कितना तुझे सोचता हूँ,
बस ये जान ले हर सख्स मे तुझे खोजता हूँ।
हर दिन कुछ नया पाता हूँ तुझमे,
खूबसूरती को तेरी देख हर पल चौकता हूँ।।


एक नई सी मुस्कुराहट होती है चेहरे पे,तेरे करीब होने से,
इसलिए बाहों मे थाम के तुझको ये वक़्त रोक लेता हूँ।
डरता नहीं किसी चीज़ से तेरी नाराज़गी के सिवा,
कहीं खफा ना हो जाए तू इसलिए  हर पल खुद को टोक लेता हूँ।।

बाहों मे थामता हूँ तुझे भले हर रोज़,
पर तेरे जिस्म की मुझे कोई प्यास नहीं है।
खुश हूं मैं तेरी ज़िन्दगी का एक हिस्सा बन के,
तू मेरी होके रहे,ऐसी मुझे कोई भी आस नहीं है।।


नहीं जानता कितने और पल हैं हम साथ मे,
बस दर्द मे तेरा हाथ चाहिए मेरे हाथ मे।
ज्यादा कुछ नहीं चाहिए तुझसे,
बस चाहिए मुस्कान तेरे चेहरे पे सौगात मे।।


ये लम्हें हसीन है तो बस इनमे ही खोना है,
वक़्त बताएगा आगे की क्या दरमियान अपने होना है।
फिलहाल तो वक़्त से इतनी सी गुज़ारिश है कि 'थम' जा,
मुझे अपने महबूब की बाहों मे सारी रात सोना है।।
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