#WorldEnvironmentDay उपभोक्ता वादी संस्कृति को ख़त्म करें हम ये परिग्रह, ये हिंसा, ये अति उपभोग लील रही है धरती को, सृष्टि को, पर्यावरण को भारतीय संस्कृति - संतोष मयी, अहिंसा मयी प्रेम मयी, त्याग मयी! जीवन है तो विकास है जीवन के लिए पर्यावरण आधार है पर्यावरण के लिए हम सभी जिम्मेदार हैं जिम्मेदारी समझें हम सबकी रक्षा करें हम जिएं और जीने दें.... सभी को धरती को, पानी को, हवा को, जीव मात्र को! क्यों करते हैं हम कृत्रिम शृंगार क्यों करते हैं हम पशु - पक्षियों का आहार? प्रकृति ने अनंत दिया है हमें उसी में से थोड़ा ग्रहण करें हम शेष प्रकृति में ही रहने दें तो बनी रहेगी सुन्दर धरती, सुंदर आकाश, सुंदर संसार! इन सबकी कीमत पर मत करो विकास कूदरत ने दिया सादा और प्यारा जीवन ऊँचे विचारों से करें इसका सम्मान!!! जय भारत! जय हिंद! वन्दे मातरम!!! #WorldEnvironmentDay #भाग 2#05.06.20