जा चुके थे जाने क्यों फिर से लौटें है वो, मुझसे मेरा ही अफ़साना मुझसे बोलें है वो। बेमिसाल थी खामोशी जो वो रखते थे कभी, जाने क्यों आज कल इतनी जुबां खोलें है वो। उनको होती शिकायत थी मेरे मशरूफ़ रहने से, जाने क्यों आज कल मुझमे इस कदर खोएं है वो। आंखें देखी ना मैंने बस उनकी आवाज ही सुनी, रोते थे तुम जैसे मिज़ाज़ शायद अब रोएं है वो । ©shubham tiwari #ishq #Ishq❤ #Dil #Dil__ki__Aawaz #Love #Shayar #Shayari #ghazal #rekhta