जंगल का भी अपना ही दुख रहता है ये खामोश रेहकर हर दिन इंसानी ज़ुल्म सहता है काट रहा है इंसान इन्हें रोज़ाना अपनी सहुलियत के लिये भूल चुका है एक दिन ऐसा भी आने वाला है जब तरसेगा शुद्ध हवा के एक झोंके के लिये। #Nojoto #nojotoapp #nojotohindi #nojotoenglish #nojotonews #nojotoquotes #nojotoshayri #AmitThakur #Forest