रस्ता और गाँव रास्ता और गांव मेरा दोनों बड़े सुहाने थे,किस्से सुनाए चलो तुमको एक उम्र के फसाने के।। खुली हवा और खुला आसमान दिल को बड़ा सुहाता था,, ये शहरों की हवा से दूर का नूर दिखलाता था, चाहत नहीं थी मेरी कभी की मै इससे मुड जाऊंगी,,,,,, ज़िम्मेदारी और अपनों की खातिर इससे झुक जाऊंगी,,,,,,,,,, बचपन मेरा गुजरा जैसे हो कोई गुलाब का खुंवार हो, खेतो की घासो मै लगता जैसे इंख की ज्वार हो ।।। मैने तुम्हे भुलाया नहीं मैने तुम्हे रुलाया नहीं,, हर दिन गांव की याद में आंखो ने रुलाया है राहों पर छोटे क़दमों की याद ने तड़पाया है।। #Zindagiejahan#alveerazindagi#nojoto #love Micku Nagar😘😘