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शाम और इंतज़ार आज भी याद है मुझे वो दौर जब हर शाम

शाम और इंतज़ार आज भी याद है मुझे वो दौर जब हर शाम 
मैं तेरे इंतज़ार में छत पे आती थी।।

आज भी याद है मुझे होठों पे मुस्कान लिए
 कैसे तेरे आने की घंटो राह मैं निहारती थी।।

बित गया वो दौर लेकिन आज भी है मुझे इंतज़ार तेरे उसी आहट का
जिसे महसूस कर मैं ख़ुद को संवारती थी।। #sham
#intezar
शाम और इंतज़ार आज भी याद है मुझे वो दौर जब हर शाम 
मैं तेरे इंतज़ार में छत पे आती थी।।

आज भी याद है मुझे होठों पे मुस्कान लिए
 कैसे तेरे आने की घंटो राह मैं निहारती थी।।

बित गया वो दौर लेकिन आज भी है मुझे इंतज़ार तेरे उसी आहट का
जिसे महसूस कर मैं ख़ुद को संवारती थी।। #sham
#intezar