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मन की जमीं बंजर न हो जाए कहीं चलो आस का शज़र लगात

मन की जमीं बंजर न हो जाए कहीं 
चलो आस का शज़र लगाते है
उम्मीदों के नए आसमान में 
नया सूरज उगाते हैं

©Anjna Agrawal #banjar
मन की जमीं बंजर न हो जाए कहीं 
चलो आस का शज़र लगाते है
उम्मीदों के नए आसमान में 
नया सूरज उगाते हैं

©Anjna Agrawal #banjar