प्रिये दादा जी @seema kapoor याद आते बहुत हो आँखो में कभी आँसू बनकर सताते बहुत हो चले गए दूर बहुत /पर/आखरी समय में भी याद तो करते होगे बहुत मायूसी सी हैं के मिल ना पाई मैं अब अफसोस हैं किसी से कहं भी ना पाई मैं लम्बे अर्से से साथ रहे हम उम्र के आखरी पडा़व में रिश़्ते ही संजो ना पाई मैं कभी कभी एक टीस सी रह रह कर उठती हैं की क्यूँ हुई ,,(पोती बनकर)पराई मैं😔