#OpenPoetry वो मेरे दिल में रहा एक निशानी बनकर । अब उसे क्या रोकना जो निकल गया आँख का पानी बनकर। अब उन्हें लिख उन कोरे पन्नों पर क्या फायेदा फिर याद आएंगे मुझे महज़ एक कहानी बनकर। हमें तो बस एक कुटिया ही नसीब थी इस जिन्दगी में यार जी रही होंगी वो भी महलों की रानी बनकर । हम फकीर भी बनने को तैयार हैं ,पर शर्ते वो आएंगे हमसे मिलने कभी दानी बनकर। #OpenPoetry #eknishani #kavita #hopeyoulikeIT