क्या लिखूँ क्या लिखूँ उस शख्स के बारे में जो मेरी हर गलती नज़र अंदाज़ करता है कोई रिश्ता नहीं पर कुछ राब्ता है उससे खुदा जाने क्यों मेरे गुस्से को भी वो हँस के सहन करता है ! कोई शिकायत नहीं सिर्फ उम्मीद रखता है लबों पर अपनी प्यारी मुस्कान रखता है शब्द कम पड़ जाते हैं उनके बारे में लिखते हुए हम सितारों की औकात ही क्या है चाँद के नूर पे बोलने के लिए !! ©Yukti Nagpal ❤❤ #yuktinagpal🎤 #PoetInYou