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इश्क हद से गुजरे तो मयखाना ही ठिकाना है, अंजाम फि

इश्क हद से गुजरे तो  मयखाना ही ठिकाना है, अंजाम फिर भी वही है बस होश ही गंवाना है।

Arun Kranti Kushwaha
इश्क हद से गुजरे तो  मयखाना ही ठिकाना है, अंजाम फिर भी वही है बस होश ही गंवाना है।

Arun Kranti Kushwaha
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