कुछ इस कदर है कीमत तेरी मेरे लिए। के सारी दुनिया से लड़ जाऊ तेरे लिए।। माना बातें नही होती ज्यादा मगर, ऐ दोस्त मैं तेरी सारी मुसीबत सिर अपने ले लू बस तेरे लिए।। निसार मलिक