कल जहां थे आज भी वहीं हैं, वही आसमा वही जमी है। उड चले निगाहों से बचकर फिर भी, भूल कर, डोर थी उनके हाथ में अभी। पंख काट फिर वहीं लाया गया, अकेले होने का अहसास कराया गया।। Reenu #nojoto #poem #akele hone ka ahsas #priyankaanuragi #reenu