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कर्म किए बिना भक्ति भक्ति नहीं होती, ईश्वर दर्शन न

कर्म किए बिना भक्ति भक्ति नहीं होती, ईश्वर दर्शन नहीं होते, ध्यान, जप कर्म है, उनका नामगुण कीर्तन भी है और दान-यज्ञ यह सब भी कर्म ही हैं ।

©Shubham Gautam #WritersSpecial
कर्म किए बिना भक्ति भक्ति नहीं होती, ईश्वर दर्शन नहीं होते, ध्यान, जप कर्म है, उनका नामगुण कीर्तन भी है और दान-यज्ञ यह सब भी कर्म ही हैं ।

©Shubham Gautam #WritersSpecial