बचपन की यादें सम्हाल कर रखो, बचपन के इन खिलौनों को यारों , ज़रा सी गुस्ताखी से ये टूट जायेंगे , ये तुम्हे आज भी रुलायेंगे , ये तुम्हे कल भी रुलायेंगे ।