आशीको के महबूब की धूल हूं, हां मैं एक गुलाब का फूल हूं, होंठों जैसे पंखुड़ियां है मेरी कोमल, कांटों से बच के कहीं हो ना जाओ घायल, मै तोहफा बन कर पहुंच जाता हूं जहां, मुझे देख मुस्कुरा जाता है सारा जहां।।। #roseday#कविता#khusiya#drd#muskurahat#challenge