मिल जाएंगे मुझे जैसे लाखों मगर.. तुम जैसा है कोई नहीं... जैसा सोचा.. वैसा पाया.. अब कुछ और की चाह नहीं... कितना कोमल हृदय तुम्हारा.. छल और ईर्ष्या का नाम नहीं.. मैं जैसी भी हूं "तुम्हारे लिए".. मुझ से प्यारा कोई और नहीं l डॉ सोनी, मुजफ्फरपुर ©Dr SONI #shaadi