ना होठो पर शिकायत होगी ना आँखों से शिकवे गिरेंगे। कुछ इस तरह से तेरे हर एक अहसान अब अदा हम करेंगे।। तुम्हे मिला के सबसे एकदिन दूर हम खुद से हो जाएंगे।। ख़ुशी लाकर तुम्हारे जहाँ में खुद दुनियां को छोड़ जाएंगे।। कुछ इस तरह से तेरे एहसान देख लेना तुम हम चुकाएंगे। रश्मो कसमो से बांधो मुझको हम रवायतों को छोड़ जाएंगे।। मुझे किसी से भी गिला नही सकून की बात मत कर यारो यही वो चीज है जहाँ में जो हर एक शख्श को मिला नही।।