Nojoto: Largest Storytelling Platform

जिससे अब तक मिली नहीं वो स्वप्न में क्यूं आने लगे

जिससे अब तक मिली नहीं
वो स्वप्न में क्यूं आने लगे
सिर पर मुकुट 
कानों में कुंडल
मुझको क्यूं भाने लगे

गले में पुष्प माला
होंठों पर मुस्कान 
रंग सावला मनमोहक काया
मुझको क्यूं लुभाने लगे

उसकी मीठी मुरली धुन सुन
खिल उठा मेरा तन
जैसे खिले सरोवर में कमल
उसके दर्शन पाने को
बेचैन हुआ जाए मेरा मन

धीरे धीरे मुझको आकर्षित 
अपनी ओर वो करने लगे
हो जैसे कोई विष्णु अवतार
कन्हैया केशव मेरे गोपाल

झूम उठी मैं ख़ुद के स्वप्न में
जैसे कोई श्याम दीवानी
धीरे धीरे मेरे कन्हैया
मुझको क्यूं अपना बनाने लगे

Munger,Bihar #InspireThroughWriting
जिससे अब तक मिली नहीं
वो स्वप्न में क्यूं आने लगे
सिर पर मुकुट 
कानों में कुंडल
मुझको क्यूं भाने लगे

गले में पुष्प माला
होंठों पर मुस्कान 
रंग सावला मनमोहक काया
मुझको क्यूं लुभाने लगे

उसकी मीठी मुरली धुन सुन
खिल उठा मेरा तन
जैसे खिले सरोवर में कमल
उसके दर्शन पाने को
बेचैन हुआ जाए मेरा मन

धीरे धीरे मुझको आकर्षित 
अपनी ओर वो करने लगे
हो जैसे कोई विष्णु अवतार
कन्हैया केशव मेरे गोपाल

झूम उठी मैं ख़ुद के स्वप्न में
जैसे कोई श्याम दीवानी
धीरे धीरे मेरे कन्हैया
मुझको क्यूं अपना बनाने लगे

Munger,Bihar #InspireThroughWriting