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आज चांद को निहारा बड़े प्यार से मानो जैसे मेरे ही

आज चांद को निहारा बड़े प्यार से
मानो जैसे मेरे ही मन में आए अंधेरे को रौशन करने आया हो


और मेरी balcony में जलते वो दिए
जो खुद स्वयं जलकर मेरे आंगन को सज़ा रहे थे
लगा जैसे यहीं है जिसकी मुझे तलाश थी

एक उमीद की
या एक राह की
खैर मैं नहीं जानती
मगर आज बड़े दिनों बाद ये
सुकून वाली मुस्कान
मानो जैसे वो रूह को चू जाने वाला एहसास फ़िर लौट आया हो #quote
#nojoto
#kalpanaagarwal
#Chand
आज चांद को निहारा बड़े प्यार से
मानो जैसे मेरे ही मन में आए अंधेरे को रौशन करने आया हो


और मेरी balcony में जलते वो दिए
जो खुद स्वयं जलकर मेरे आंगन को सज़ा रहे थे
लगा जैसे यहीं है जिसकी मुझे तलाश थी

एक उमीद की
या एक राह की
खैर मैं नहीं जानती
मगर आज बड़े दिनों बाद ये
सुकून वाली मुस्कान
मानो जैसे वो रूह को चू जाने वाला एहसास फ़िर लौट आया हो #quote
#nojoto
#kalpanaagarwal
#Chand