पिता! उलझन की रेत से भी निकलेगी उजली सुबह अपने भरोसे को बदल देंगे हम अच्छे कामों में जवाबदेह बहादुरी नई उम्मीद लेकर आएगी एक सुनहरा सवेरा दरकार है इसके लिए पिता! तेरी दुआ और दयानतदारी # पिता! तेरी दुआ और दयानतदारी के सदक़े