ज़िंदगी को जिए जाना ज़रूरी था मिलकर बिछड़ जाना भी ज़रूरी था रह गए तुम बस फक़त यादों में यादों को जी जाना भी ज़रूरी था ज़िंदगी में दुश्वारियों का आना ज़रूरी था दुश्वारियां से लड़ना भी ज़रूरी था यूं ही नहीं मिली मंज़िल ख़ैरात में महफिलों में मुस्कुराना भी ज़रूरी था... 🌿 #ज़रूरी_था ##sumit