कसम की कसम है कसम से कसम की कसम है कसम से है ये अकथ्य कितना प्रेम है तुमसे मेरा सुख चैन सब है बस तुमसे तुम्हारे गुण हैं वर्णनातीत बस साथ रहना हमेशा मनप्रीत ज़िंदगी तेरे संग हो व्यतीत मुझे जान कर क्या करना तेरा अतीत जिसको कह तुम भी हो जाओ व्यथित बस हम गाए प्रेम के ही गीत तेरे यादों के सहारे न रह पाऊंगी जो तू होगा तो लिपट रो पाऊंगी कभी जो तू रूठा तो फिर मनाऊंगी माना बाधाएँ हैं कुछ विशेष पर सामने अपने बचेंगे एक न शेष जब साथ हैं नारायण ,गौरी और महेश कसम की कसम है कसम से है ये अकथ्य कितना प्रेम है तुमसे मेरा सुख चैन सब है बस तुमसे तुम्हारे गुण हैं वर्णनातीत बस साथ रहना हमेशा मनप्रीत ज़िंदगी तेरे संग हो व्यतीत