#OpenPoetry बाबुल अब ना होएगी बहन भाई में जंग डोर तोड़ अंजान पथ उड़कर चली पतंग मैया अब ना रहना तुम हर रात भुखी लगेगी थाली एक कम रोटी ना खाना तुम रूखी भईया अब ना लाना गुड़िया हर राखी नई छोड़ डाल अपनी चिड़िया नए जंगल गई बाबुल कहानियां परियों की सुनाओगे हर रात किसे तट छोड़ लहरों संग चली रीत की नाव फिरसे बाबुल अब ना होएगी बहन भाई में जंग डोर तोड़ अंजान पथ उड़कर चली पतंग #OpenPoetry #poem #inspired #original #stories #touching #love #girls #sacrifice #hindi #shayari #beti The first stanza is inspired by another brilliant mind -Rajgopal Singh Inspired by it I wrote this poem