अगर तुम्हारे त्यौहार में किसी बेजुबां को मारना सही है, तो हमारे त्यौहार में किसी मूरत को पूजना भी सही है, अगर किसी कोने में नकली पेड़ के इर्द गिर्द घूमना सही है, तो कहीं पर असली पेड़ो को भी पूजना सही है, अगर कहीं पर कुरां और बाइबल में लिखा हर लफ्ज़ सही है, तो मुरारी द्वारा दिया गीता का ज्ञान भी सही है, अगर सुबह की भोर में ज़ोर शोर से नमाज़ पढ़ना सही है, तो कहीं पर चल रहा रात में मां का जगराता भी सही है, जिस पेटा ने राखी तक के त्यौहार पर गलत इल्ज़ाम लगाया है, क्यूं उसे बकरीद में किसी बेजुबान का दर्द समझ नहीं आया है, अगर कहीं पर बहु पत्नी प्रथा हर मायने में सही है, तो कहीं पर औरत को हर अधिकार से नवाजना गलत कैसे, अगर कहीं अपने धर्म की खातिर जेहाद फैलाना सही है, तो अपने धर्म खातिर कट्टर होकर सेक्युलरिज्म नकारना भी सही है, अगर किसी धर्म के लिए यह हिन्दुस्तान महफूज़ नहीं है, तो इस देश को सबके समक्ष हिन्दू राष्ट्र कहना भी गलत नहीं है sunshine #secularism #FakeReal #doglapan #Sahihai #galatkese #thinkaboutit #Society #HUmanity