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ये क्यों हुआ नहीं पता है दिल में छायी आज भी वही दु

ये क्यों हुआ नहीं पता है दिल में छायी आज भी
वही दुख, वही दर्द औऱ वही तन्हायी आज भी

अब ना रहा कोई गिला औऱ ना रहा वो वास्ता
फ़िर ना जाने क्यों भला वो याद आयी आज भी

जो ना मिली हक़ीक़त मे कोई सपने में रोके उसे
सपने में वो कमबख़्त है दिल जलायी आज भी

सालों पहले शहर में हम उसके नाम से बदनाम थें
वो ना मिला मुझे मग़र है ये रूसवायी आज भी

जाता हूँ ख़ुदा के दर मैं अब भी उसी के वास्ते
उसकी सलामती की ख़ातिर अर्जी लगायी आज भी

मुस्कुराता देखा उसने, जाना मुझको अच्छा-भला
उस बेख़बर से मैंने यारों आँसू छुपायी आज भी

©Prakash Kumar #Shayari #ghazal #Dard #Broken #Love #Quotes #poetry #pk4ever4u
ये क्यों हुआ नहीं पता है दिल में छायी आज भी
वही दुख, वही दर्द औऱ वही तन्हायी आज भी

अब ना रहा कोई गिला औऱ ना रहा वो वास्ता
फ़िर ना जाने क्यों भला वो याद आयी आज भी

जो ना मिली हक़ीक़त मे कोई सपने में रोके उसे
सपने में वो कमबख़्त है दिल जलायी आज भी

सालों पहले शहर में हम उसके नाम से बदनाम थें
वो ना मिला मुझे मग़र है ये रूसवायी आज भी

जाता हूँ ख़ुदा के दर मैं अब भी उसी के वास्ते
उसकी सलामती की ख़ातिर अर्जी लगायी आज भी

मुस्कुराता देखा उसने, जाना मुझको अच्छा-भला
उस बेख़बर से मैंने यारों आँसू छुपायी आज भी

©Prakash Kumar #Shayari #ghazal #Dard #Broken #Love #Quotes #poetry #pk4ever4u