मै हूँ तुम्हारी मोह्हबत है तुम्हारी यादे है मेरे खुले केश है कड़ाके कि ढंड है जलते लौ है कपकाती मेरी रूह है आशिकी भी हद्द है नजरे भी बेताब है चाय भी साथ है तेरा एहसास है और उसपर से क्या कहूँ इन सब के बाद भी ये बेताब बरसात है पर तुम कहा हो पर तुम कहा हो? #बरसात #लव #तुम #मै #ये #मोहब्बत #नेहमिश्र_1718 #नोजोतो