न्याय की आशा में मैं गया था ज्ञानपुर थाने, रिस्वतखोरो ने मुझे ही पहुचा दिया जेलखाने। वर्दी बिकी इमान बिका, टूटा मेरा सारा गुरुर, योगी तेरे शासन में भी, न्याय है मजबुर।। अन्याय