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एक वक्त था जब मैं ये सोचती थी की, लोग आँशुओ को आखो

एक वक्त था जब मैं ये सोचती थी की,
लोग आँशुओ को आखों में रोक कैसे लेते है।
होंठो पर झुठा मुस्कान रख के मैं ठिक हूँ,
ये बोल कैसे देते हैं।
आज जब मैं खुद इस मोड़ पर आयी हूँ तो पता चला है की,
लोग दिल में कुछ और रख के जुबां से कुछ और बोल कैसे देते हैं। 

                       Priya.....
एक वक्त था जब मैं ये सोचती थी की,
लोग आँशुओ को आखों में रोक कैसे लेते है।
होंठो पर झुठा मुस्कान रख के मैं ठिक हूँ,
ये बोल कैसे देते हैं।
आज जब मैं खुद इस मोड़ पर आयी हूँ तो पता चला है की,
लोग दिल में कुछ और रख के जुबां से कुछ और बोल कैसे देते हैं। 

                       Priya.....
priyarajput9009

Priya Rajput

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