यह किस बात की खुशी है तुम्हें खबर भी है तुम कहां जाओगे जरा सी बात क्या हुई सुनहरे सपने मत देखो आंख खुलेगी तो खुद को खंडहर में पाओगे और यह डिजिटल दौर की मोहब्बत बिल्कुल ऐप्स की तरह है साहब जी जिस दिन जरूरत खत्म होगी उस दिन ऑन इंस्टॉल कर दिए जाओगे