दुर है तु इस कदर मुझ से ये राहो की दुरीया , ना जाने कब कम होगी , ना जाने तेरी मेरी मुलाकात अब कब होगी? यु ख्वाबो मे तो रोज चले आते हो , ना जाने जिदंगी मे मुलाकात कब होगी ? -SHILPA HURBADA