बचपन और रूठना घर के बड़ों का यूं ही डांटना... उन बातों को लेकर मुंह फुलाना... रूठ कर मां के पास जाना... रोना,चिल्लाना मां को बताना... फिर चलता रूठना मनाना... अपने कुछ शर्तें मनवाना... यही होता है ना बचपन... आज इतिहास दोहरा रहे है... घर के बच्चे नखरे दिखा रहे हैं... for childhood special... #Childhood #Special #Bachpan #Kavita #Poem #kavita