ऐ पथिक ठहर तनिक कितनी दूर तू जाएगा संभल जरा विचार तू कही राह भटक ना जाएगा कठिनाइयों की बेड़ियों से खुद को लिपटा पाएगा फंस जाएगा मझधार में तेरी नैय्या कौन पार लगाएगा ताले पड़ेंगे अक्ल पर ना कोई उसे खोल पाएगा अंत समय जब आयेगा अपनी करनी पर तू पछताएगा। #पथिक#thank you so much pyare yaad दिलाने के लिए की मेरे अंदर हुनर और ताकत है