उर्दू से इश्क़ है एक ज़माने से जिस नफ़ासत के साथ उर्दू लफ़्ज़ों को पिरोती है शेर में..नज़्म में..ग़ज़ल में मुक़म्मल ख़्वाब लगती है इत्र से भी ज़्यादा कागज़ पर महकती है न जाने क्या रिश्ता है मेरा उर्दू से न लिखूं.. न पढ़ूँ अगर एक दिन भी इसे ज़िन्दगी मेरी... ज़िन्दगी नहीं लगती है... #इश्क़ #उर्दू #ज़ुबाँ #क़रीबीरिश्ता