अपने भारतीय रेल के होते कई प्रकार हैं, और उसमे भी होते डब्बों के कई प्रकार हैं उन डब्बों में एक प्रकार general डिब्बे का भी होता है, जहाँ मिलना तरह-तरह के लोग हर बार ही होता है, कुछ होते हैं सज्जन, तो कुछ उतने ही खुँखार हैं, कुछ रहते हैं शान्त, तो कुछ मचाते कोलाहल हर बार हैं, ना किसी जाती, ना किसी धर्म का परचम करता कोई काम है, ना है यहाँ कोई रंग, ना होता किसी भाषा का प्रचार है, छिड़ जाते हैं मुद्दे, या समाजिक या तो राजनितिक कई बार, छिड़ जाती है जंग भी यहाँ, समान या विपरीत लिंगो में कई बार | भीड़ का भी यहाँ एक अलग ही मंजर रहता है, कोई गेट पे लटका, तो कोई फर्श पे बैठा रहता है, 4 की seat पे 6, या कभी-कभी तो 7-8 भी बैठे मिलते हैं, सामान रखने की जगह भी, इन्सान ही लेटा करते हैं, उसी बीच फेरी वाला भी, कभी paper तो कभी चना बेचा करता है त्योहारों के समय तो यहाँ इन्सान शौचालय में बैठे मिलता है, next page.... 👉👉👉👉 #indian_railway