मै ख़ुद रहता हूँ खुले आसमान तले, फिर कैसे किसी को कोई मकान दूँ। खुशियाँ रहे तो किसी को बांट भी दूँ, मै कैसे किसी को ग़मों की पहचान दूँ। #nojoto मै ख़ुद रहता हूँ #खुले_आसमान तले, फिर कैसे किसी को कोई #मकान दूँ। #खुशियाँ रहे तो किसी को बांट भी दूँ, मै कैसे किसी को #ग़मों की #पहचान दूँ। #shayari #writer #jitenrawat